The clear blue sky,
The scent of flowers,
The colours of Rangoli,
And the sound of crackers.
The gifts and sweets from dear ones,
And the getting of their love,
The light of the candles below,
And the dazzling fireworks up above.
Lighting lamps at our homes,
Making the less fortunate smile,
Putting on new apparels,
Show our friends some style.
Paying respects to the gods,
And decorating for them the thali,
This is what the occasion is all about,
This is the spirit of Deepavali.
The sweet smell of flowers
The array of colors
Diwali is here
Firecrackers are heard
Candles are lit
Children play
Presents are given
We pray to the gods
Diwali is here.
Dunes of vapors from crackers rise,
Engulf, as odorous airs resound
Effusing joys to all abound
Pearls of gleams in these autumn nights
Adorn our lives else trite
With sparklers that motley skies
As soaring spirits of powder wander
Let us thank the heavenly might,
In this festive season of lights.
Today’s the `Festival of Lights’ all o’er;
A joyful day for minds and hearts and souls;
And people throng the Temples to offer,
Prayers, resolving to take better roles.
And most of them are richly clad and clean,
and eat such dainty foods and sweets with mirth;
Whilst noisy crackers burst, their lights are seen,
It seems to be a happy day on Earth!
But are there not hearts woe-filled, very sad?
Denied of laughter, smiles for days;
Today’s the triumph of Good over bad;
But what about the wastage in much ways?
True joy is when you see someone else smile!
True charity gives joy in Heavenly style.
Joy, Joy, Joy,
We can play with our cousins
We can eat so many sweets
We can fire crackers
We can worship Goddess Lakshmi because
It is Diwali
Happy Diwali
Deepavali is here, Deepavali is here
That grand festival of Lights
That ends evil after a protracted fight
When good with all its might
Leads us from darkness to Light.
Deepavali is here, Deepavali is here
That great festival of sound
When crackers and laughter abound
When crackers and sparklers light up the sky
When delighted children jump with joy.
Deepavali is here, Deepavali is here
That gorgeous festival of snacks and sweets
Where everyone enjoys a royal feast
When old and young with delight meet
With love and affection all hearts beat.
Diwali is here, Diwali is here
That gracious festival which celebrates victory
The ancient festival of myth and mystery
That is mentioned in both mythology and history
The festival that signals Triumph over Tragedy.
Aayaa tyohaar Diwali ka
Bachcho ki khushhali ka
Bablu kahate papa se
Mujhako PC lana hai
guriya kahati mammi se
hame sitar bajana hai
papa bare achambhe me hai
ye mausam kangali ka
Aayaa tyohaar diwali ka
Bibi kahati pati dev se
Jab bonus tum paayoge
Sabse pahale haar sunahara
La mujhako pahnaao ge
Pati dev to mook bane hai
Rupaya denaa udhaari ka
Aayaa tyohaar diwali ka
Sab ki farmaish se tang huye hai
Bablu guriya ke papa ji
Patni to sir chadh kar bole
Kabhi na kahati aao ji
Ab bhaag na sakate papa ji
Jo theka liye rakhwali ka
Aayaa tyohaar diwali ka
हेल्लो मेरा नाम सिद्धार्थ है और में केटरीना का बहुत बड़ा फैन हूँ। मेरी ये कहानी मेरे और केटरीना की चुदाई के बारे में है। कुछ दिनो पहले में एक गली से गुज़र रहा था कि मुझे वहाँ पर चिराग मिला जैसी मैंने उस चिराग को साफ किया उस में से एक जिन निकला जिसने मुझसे मेरी विश पूछी मैंने उससे बिना रुके कह दिया कि मुझे अपनी ज़िंदगी के सारे दिन केटरीना की बाँहों में गुज़ार नी हैं।
तभी जिन ने एक चुटकी बजाई और मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया।जब आँख खुली तो मेरे सामने एक दरवाज़ा था। जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला तो मुझे सामने केटरीना नज़र आई उस समय में कैसा महसूस कर रहा था, यह बता नहीं सकता। वो एक सेक्सी पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी। जिसमें से उसके बूब्स साफ साफ दिख रहे थे। वो मेरे करीब आई और उसने मुझे कस कर किस किया। उसकी जिस्म की खुशबू सूंघ कर में दिवाना हुआ जा रहा था। तभी मैंने भी उसको कसकर दबा लिया।कुछ देर तक हम ऐसे ही खड़े रहे फिर अब में उसके घर पर गया। अब वो पीछे हुई और कहा आज से तुम मेरे घर में ही रहना और यह कह कर वो किचन की तरफ चली गयी में भी उसके पीछे चलता गया।
ऐसे मटक मटक कर चल रही थी, में क्या बताऊ मेरा तो वहीं खड़ा हो गया। वो किचन में जाकर खाना बनाने लगी और में उसकी मटकती गांड को देखता रहा। तभी थोड़ी देर बाद वो पीछे मुड़ी और पूछा कि तुम्हे क्या चाहिए। मैंने कहा कुछ नहीं, वो कहने लगी कि तो फिर यहाँ क्यों खड़े हो जाकर टीवी रूम में आराम से बैठ जाओ और टीवी देखो में खाना बनाकर अभी कुछ देर मे आती हूँ।
अब में जाकर टीवी रूम में बैठ गया और सोचने लगा कि उसकी चुदाई की शुरुआत किस तरह करूँ। तभी थोड़ी देर में वो आई और मुझे खाना दिया और कहा कि में सोने जा रही हूँ अगर कुछ चाहिए तो तुम मुझे बताओ। तभी मैंने कहा नहीं, तो उसने कहा अच्छा खाना खाकर तुम भी मेरे ही बिस्तर पर लेट जाना। उसके इन शब्दों से तो मेरे मुहं में पानी आ गया और अब में जल्दी जल्दी खाना खाकर बेडरूम में पहुंच गया।अब बेडरूम पहुंच कर मैंने देखा कि केटरीना सिर्फ़ एक सेक्सी ब्रा और स्किन टाईट ट्राउज़र पहने लेटी हुई है। उसने मुझसे कहा जाओ बाथरूम में चेंज कर यहाँ लेट जाओ में गया और एक ट्राउज़र पहन कर आ गया और आकर उसके बेड पर लेट गया। वो ऐसे करवट लेकर सो रही थी कि उसकी नंगी क़मर और ट्राउजर वाली गांड मेरी तरफ थी। थोड़ी देर तक तो में उसकी गांड और उस में फंसी उसकी ट्राउज़र को देखता रहा।
मुझे बहुत मज़ा भी आ रहा था और फट भी रही थी क्योंकि मैंने पहले कभी किसी को चोदा नहीं था।अब थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने हिम्मत की और अपना एक हाथ उसकी क़मर पर रख दिया। फिर आहिस्ता आहिस्ता अपना हाथ कभी उसकी गांड के करीब ले जाता रहा और ऐसी ही लेटे रहा मेरा लंड अब इस तरह सख़्त हो गया, अब मैंने थोड़ी देर बाद हल्की सी केटरीना को आवाज़ दी उसने कोई जवाब नहीं दिया, तो में थोड़ा सिरक़ कर उसके करीब आ गया। फिर थोड़ा और सरका यहाँ तक कि मेरा खडा लंड उसकी गांड में फंसी ट्राउज़र से टकराने लगे अब इतना करना था कि केटरीना ने थोड़ी हरकत की और थोड़ी मेरी तरफ अपनी गांड को धकेला उसकी इस हरकत से वो मेरे बहुत नज़दीक आ गई थी।यहाँ तक कि उसकी क़मर से मेरा सीना टकराने लगा और मेरा मुहं उसकी गर्दन से चिपक गया। में यह देखकर लेट गया थोड़ा देर बाद उसने अपनी गांड को फिर पीछे किया। में उसकी जिस्म की खुशबू और उसकी गांड की गर्मी से इतना मस्त हो गया था कि क्या बताऊ यारों।
अब मुझ में भी थोड़ी हिम्मत आ गई थी। मैंने भी आहिस्ता आहिस्ता हिलाना शुरू कर दिया और अपना लंड उसकी गांड में फँसे ट्राउज़र पर रगड़ने लगा थजब मैंने देखा कि वो कुछ नहीं कह रही तो मैंने अपना एक हाथ उठाया और उसकी क़मर पर फैरने लगा था और फिर आहिस्ता आहिस्ता करके में वो हाथ उस के बूब्स की तरफ ले गया और उनको ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा था। फिर कुछ देर बाद मैंने वो हाथ उसकी ब्रा के अंदर डाल दिया और उसके मस्त मस्त बूब्स को आहिस्ता आहिस्ता करके दबाने लगा। अब ऐसा करते हुए कुछ देर ही हुई थी की अब उसने एकदम मेरी तरफ़ करवट लेली और बिल्कुल मुझसे चिपक गई, उसकी चूत और मेरा लंड बिल्कुल चिपक गया।तभी मैंने अपना हाथ उसकी गांड पर रख दिया और उसकी गांड को ट्राउज़र के ऊपर से ही सहलाने लगा और अपने मुहं को थोड़ा नीचे करके उसके बूब्स के दरमियाँ फँसा लिया, अब उसके बदन की खूशबू सूंघ सूंघ कर मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि आपको क्या बताऊ, अब यह करते हुए मुझे थोड़ी ही देर हुई थी कि उसने मुझे अपनी तरफ कस लिया। में तो मज़े के मारे पागल हो गया था। अब कुछ देर ऐसे रहने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
अब वो भी आगे पीछे होने लगी।अब थोड़ी ही देर में मेरा वीर्य निकल गया और में उसी पोजिशन में सो गया और जब सुबह आँख खुली तो देखा केटरीना बिस्तर पर नहीं थी मेरे चेहरे पर रात की बातों को सोच सोच कर मुस्कुराहट सी आ गई, अब थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद में उठा और चेंज कर बेडरूम से बाहर निकला तो देखा केटरीना हॉल में वाईट टोपर और पिंक ट्राउज़र पहने एक्सरसाइज़ कर रही थी। उसके इस आउटफिट को देखकर तो मेरे मुहं में पानी आ गया क्योंकि उसका टोपर उसके बूब्स से इतना चिपका हुआ था की उसके निप्पल तक साफ साफ दिख रहे थे।अब दिल तो कर रहा था कि उन बूब्स का सारा दूध पी जाऊ। उसने जो पिंक ट्राउज़र पहना था।
वो इतना स्किन टाईट था की उसकी पूरी चूत की शेप नज़र आ रही थी और ऊपर से उसके चूतड़ में फंसी हुई थी। वो पिंक ट्राउज़र के मंज़र को में किस तरह लिखूं समझ नहीं आ रहा। जब वो एक्सरसाइज़ करते हुए अपने पैर हिलाती तो उसकी गांड इतनी खूबसूरत तरीके से मटकती कि कोई भी देखकर दीवाना हो ज़ाये।में यह सब मंज़र डोर से देख रहा था।
मन तो कर रहा था कि उसकी गांड में अपना मुहं फँसा लूँ और और ज़िंदगी भर उसकी चूतड़ों को चूसता रहूं। में यही सब सोच रहा था कि तभी मेरा लंड फिर से तन गया और ट्राउज़र में साफ दिखने लगा। वो एक्सरसाइज़ करते करते घूमी उसने मेरे लंड को देखा फिर मुझे देखा और एक शैतानी सी मुस्कुराहट पास की और कहा कि अभी तुम बैठो में थोड़ी देर में ही तुम्हारा नाश्ता लेकर आती हूँ और यह कह कर वो बाथरूम मे गई और चेंज करके किचन में चली गई।अब उसके बाथरूम से निकलने के दो मिनट बाद में बाथरूम मे गया। अब देखा उसके कपड़े वहीं टाँगे हुए हैं यह देखकर मुझसे रहा नहीं गया और तभी मैंने उसकी वही ट्राउज़र उठा ली जिसमें अभी अभी वो एक्सरसाइज़ कर रही थी और उसको सूंघने लगा।
उसकी गांड की खूशबू भी उसके ट्राउज़र से आ रही थी, जो कि उसकी चूतड़ों मे पूरी तरह समाया हुआ था। अब थोड़ी देर सूघने के बाद मैंने ट्राउज़र की उस जगह को जहाँ से उसकी गांड चिपकी हुई थी मुहं में लिया और इस तरह चूसने लगा जैसे सदियो का प्यासा हूँ। साथ ही साथ में मूठ भी मारता रहा, मूठ का ऐसा मज़ा मुझे आज तक कभी भी नहीं आया था। अब कुछ देर बाथरूम में रहने के बाद मुझे केटरीना की आवाज़ आई कि आ जाओ नाश्ता तैयार है और में बाहर आ गया था, अब हम दोनो ने साथ मे नाश्ता किया और उसके बाद में टीवी देखने के लिए बैठ गया और वो घर को साफ करने में लग गई थी।वो एक चूड़ीदार पजामा और एक लो कट कुरती पहनी हुई थी। सफाई करते करते जब वो टीवी वाले कमरे में आई तो मेरी नज़र टीवी से हट कर उसी पर जम गई, सफाई करते हुए उसके बूब्स इतने हिल रहे थे कि मेरा सारा ध्यान उन्ही पर लग गया। अब सफाई करते करते जब वो मेरे सोफे के पास मे आई तो मुझे उसके बदन की धीमी धीमी खूशबू सुंघाई दी जिससे मुझ में दोबारा से मस्ती छा गई थी।
जब वो मुझसे दूर जाने के लिए खड़ी हुई तो में जानबूझ कर उसके इतना करीब आ गया कि उसके चूतड़ मेरे चेहरे को छू जाएँ, अब एक सेकेंड के लिए उसकी गांड मुझसे टकराई उस पल तो ऐसा लगा कि जैसे मुझे आज जन्नत मिल गई हो और फिर वो मटकती मटकती मुझसे दूर चली गई। अब में उसके पूरे जिस्म का दीवान हो चुका था, अब उसके जिस्म की खूशबू मुझे पागल कर देती थी, ख़ासतोर से वो खूशबू जो उसके जिस्म से आती थी। उसके हिलते हुए बूब्स देखकर तो मन करता था कि उनका सारा दूध पी जाऊं। उसकी रसीली चूत और गोल मटोल गांड को देखकर तो मन करता कि अपनी ज़िंदगी इसकी चूत को चाटते चाटते ही निकाल दूँ।अब मुझमे एक ऐसा हैवान जाग चुका था जो उसके बदन के एक एक हिस्से को खाना चाहता था। अब मेरे दिमाग़ में सारा वक़्त उसकी गांड के ख्याल आते रहे। टीवी तो सिर्फ़ दिखावे के लिए चालू किया हुआ था।
अब कुछ देर बाद केटरीना भी साफ सफाई करके वहाँ पर आ गई और मेरे बराबर में आकर बैठ गई और हम दोनो टीवी देखने लगे थे। अब मेरी नज़र टीवी की बजाए उसके बूब्स पर टिकी हुई थी। थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा कि बैठे बैठे मेरी गर्दन में दर्द हो गया है।क्या में तुम्हारी गोद में सर रखकर टीवी देख सकता हूँ। उसने कहा कि ठीक है रख लो।
तभी मैंने अपना सर जानबूझ कर उसके पैरो पर ऐसी जगह रखा कि उसकी चूत ठीक मेरे सर के नीचे आ गई और में उसकी चूत की खूशबू सूंघने लगा था। अब ऐसा करने से मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया और ट्राउज़र के ऊपर से साफ नज़र आने लगा था। केटरीना ने जब मेरे लंड को देखे तो फौरन मुझसे पूछा कि राहुल मुझे एक बात बताओ तुम्हारा लंड हर थोड़ी देर में खड़ा क्यों हो जाता है। उसके इस सवाल से में एकदम चोंक गया और बैठ गया। में बिल्कुल सटपटा गया था। अब में क्या बोलूं उसको और तभी उसने कहा कि तुम शरमाओ मत में तुम्हारी दोस्त हूँ अब मुझसे क्या छुपाना। मैंने उसको दबी आवाज़ में जवाब दिया कि वो असल में मुझे तुम बहुत पसंद हो और जब भी में तुम्हे देखता हूँ मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
अब उसने कहा ओफ्फो अगर यह बात थी तो मुझे पहले बताना था ना और यह कह कर वो मुझ पर इस तरह बैठी कि उसके बूब्स मेरे मुहं से चिपक गये थे। उसकी गांड मेरे खड़े लंड के ऊपर इस तरह टिकी हुई थी की मेरा लंड उसके दोनों चूतड़ों को छूने में लग रहा था। अब उसने अपने चूतड़ो को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था। जिससे मुझमें एक अजीब सी मस्ती छा गयी थी।
अब थोड़ी देर तक वो ऐसे ही हिलती रही फिर उसने मुझसे पूछा कि मज़ा आ रहा है। मैंने कहा बहुत अब वो बार बार अपने बूब्स को मेरे मुहं पर दबा कर रही थी, जिससे मेरा मज़ा और दुगना हो जाता दस पन्द्रह मिनट ऐसा करते करते मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया था। अब उसको भी महसूस हो गया था कि अब में झड़ चुका हूँ इस लिए वो मेरे ऊपर से हट गई। अब थोड़ी देर ऐसे ही बैठे रहने के बाद उसने मुझसे कहा कि राहुल तुम्हारा जब भी दिल करे मुझसे चिपक जाया करो और जहाँ मर्ज़ी हाथ लगा लो में तुमसे कुछ नहीं कहूँगी। लेकिन मेरी एक शर्त है। अब मैंने बड़ी बेसब्री से पूछा कि क्या उसने कहा कि जब तक में ना कहूँ तुम मुझे चोदोगे नहीं और मेरी इजाज़त के बगैर तुम मुझे नंगा नहीं करोगे।
मैंने बिना रुके उसकी इस बात पर हामी भर ली और थोड़ी देर बाद वो वहाँ से उठी और मुझसे कहा कि में चेंज करने जा रही हूँ, अब मुझे बाहर किसी काम से जाना है।तुम्हे घर में जो करना है करो कोई प्रोब्लम नहीं, लेकिन इसको अपना ही घर समझना यह कहकर वो चली गई और में मूठ मार मार कर इतना थक चुका था कि वहीं सोफे पर लेट कर सो गया।
जब मेरी आँख खुली तो रात हो चुकी और केटरीना वापस आ चुकी थी और वो खाना पकाने में बिज़ी थी। अब मेरी झिझक खत्म हो चुकी थी, में उठा और किचन मे जाकर पानी पीने लगा था तभी मेरी नज़र फिर उस पर पड़ी अब मैंने देखा कि उसने एक बेकलेस साड़ी पहनी हुई है ब्लेक रंग की जिसमें उसके चूतड़ों का उभार साफ ज़ाहिर हो रहा था।मुझसे रहा नहीं गया और अब मैंने करीब जाकर अपने लंड को उसके चूतड़ों पर चिपका दिया और वो एकदम चोंक गई और बोली अरे राहुल तुम हो, तुमने तो मुझे डरा ही दिया था।
यह कर उसने अपनी गांड को पीछे धकेला और कहा अरे जान में कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ, तुम अपनी मस्तियाँ बाद में कर लेना अभी मुझे खाना बनाने दो मैंने कहा ठीक है और यह कह कर में बेडरूम में चला गया और उसकी केबिनेट खोल कर उसके कपड़े चेक करने लगा।और सोचने लगा कि आज में उसको कोई सेक्सी ड्रेस पहनने को बोलता हूँ और यही सोचते हुए उसकी एक अलमारी खोली उस अलमारी को देखकर मेरे मुहं में पानी आ गया क्योंकि उसमें केटरीना की पेंटी रखी हुई थी।
तभी मुझे उसमें एक ब्लेक पेंटी और ब्रा नज़र आई, तभी मैंने उनको देखकर यह फ़ैसला कर लिया कि आज में इन्ही को पहनने की फरमाइश करूँगा। जैसे कि उसने अभी एक पिंक पहनी हुई है, में यही निकाल रहा था कि केटरीना की आवाज़ आ गई ओर बोली आ जाओ जान खाना खालो और में नीचे आ गया।अब में डाइनिंग हॉल में चेयर पर बैठा हुआ था।
केटरीना मेरे करीब आई और मुझे खाना परोसने लगी। अब मेरे दिमाग़ में एक शैतानी खयाल आया मैंने अपना हाथ केटरीना की चूतड़ों पर रख दिया और सहलाने लगा और उससे कहा कि केटरीना क्या तुम मेरी गोद में बैठ कर खाना खा सकती हो, तभी उसने मुझे देखा और मुस्करा दी और कहा एक और चेयर भी तो है में उस पर बैठ जाती हूँ ना लेकिन मैंने कहा जान में अपनी पेट की भूख के साथ-साथ तेरी चूतड़ों की प्यास भी बुझाना चाहता हूँजिसके लिए मेरा लंड कब से तडप रहा है उसने ठीक है कहा और मेरे ऊपर बैठ गई मैंने उस को शरारती अंदाज़ में कहा जान क्या तुम मुझे अपने हाथों से खिला दोगी, मेरे हाथ ज़रा बिज़ी रहेंगे।
उसने मुझे देखा और मुस्कुराई और कहा ठीक है बाबा और कुछ, मैंने कहा फिलहाल तो नहीं और यह कर अपने दोनो हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और उनको सहलाने लगा और थोड़ी थोड़ी देर में अपने लंड से उसकी गांड पर झटके देने लगा, अब वो भी कभी कभी अपनी गांड को आगे करती तो कभी पीछे, खाना खाने का ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं आया था।
उसके जिस्म से इतना चिपका होने की वजह से मुझे उसके बदन की मीठी मीठी खूशबू आ रही थी जो मुझे दिवाना बना रही थी और साथ ही साथ मेरे खाने को एक दिलचस्प मज़ा दे रही थी। ज़ाहिर है उसको भी मज़ा आ रहा था क्योंकि हर थोड़ी थोड़ी देर में मुझे उसकी सिसकियाँ लेने की आवाज़ सुनाई द&