गब्बर: कितने आदमी थे?
सांभा: सरदार दो।
गब्बर: मुझे गिनती नहीं आती, दो कितने होते हैं?
सांभा: सरदार दो, एक के बाद आता है।
गब्बर: और दो के पहले?
सांभा: दो के पहले एक आता है सरदार।
गब्बर:तो बीच में कौन आता है?
सांभा: बीच में कोई नहीं आता सरदार।
गब्बर: तो फिर दोनों एक साथ क्यों नहीं आते?
सांभा: एक के बाद ही दो आ सकता है क्योंकि दो, एक से बड़ा है सरदार।
गब्बर: दो, एक से कितना बड़ा है।
सांभा: दो, एक से एक बड़ा है सरदार।
गब्बर:अगर दो, एक से एक बड़ा है तो एक, एक से कितना बड़ा है?
सांभा: सरदार अब आप मुझे गोली ही मार दो मैंने आप नमक ही खाया है च्यवनप्राश नही।
फौज में मौज है;
हजार रूपये रोज है;
थोड़ा सा गम है;
इसके लिए भी रम है;
ज़िंदगी थोड़ी रिस्की है;
इसके लिए तो व्हिस्की है;
खानें के बाद फ्रुट है;
मरनें के बाद सैलूट है;
पहनने के लिए ड्रैस है;
ड्रैस में जरूरी प्रेस है;
सुवह-सुबह पी.टी है;
वॉर्निंग के लिए सीटी है;
चलने के लिए रूट है;
पहनने के लिए D.M.S बूट है;
खाने के लिए रिफ्रैशमेंन्ट है;
गलती करो तो पनिशमेंट है;
जीते-जी टेंशन है;
मरने के बाद पेंशन है।
एक बार एक व्यक्ति मरकर नर्क में पहुँचा, तो वहाँ उसने देखा कि प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी देश के नर्क में जाने की छूट है । उसने सोचा चलो अमेरिका वासियों के नर्क में जाकर देखें। जब वह वहाँ पहुँचा तो द्वार पर पहरेदार से उसने पूछा, "क्यों भाई अमेरिकी नर्क में क्या-क्या होता है?
पहरेदार बोला, "कुछ खास नहीं, सबसे पहले आपको एक इलेक्ट्रिक कुर्सी पर एक घंटा बिठाकर करंट दिया जायेगा, फ़िर एक कीलों के बिस्तर पर आपको एक घंटे तक लिटाया जायेगा, उसके बाद एक दैत्य आकर आपकी जख्मी पीठ पर पचास कोडे मारेगा।
यह सुनकर वह व्यक्ति बहुत घबराया और उसने रूस के नर्क की ओर रुख किया, और वहाँ के पहरेदार से भी वही पूछा। रूस के पहरेदार ने भी लगभग वही वाकया सुनाया जो वह अमेरिका के नर्क में सुनकर आया था। फ़िर वह व्यक्ति एक-एक करके सभी देशों के नर्कों के दरवाजे पर जाकर आया, सभी जगह उसे भयानक किस्से सुनने को मिले। अन्त में जब वह एक जगह पहुँचा, देखा तो दरवाजे पर लिखा था "भारतीय नर्क" और उस दरवाजे के बाहर उस नर्क में जाने के लिये लम्बी लाईन लगी हुई थी, लोग भारत��य नर्क में जाने को उतावले हो रहे थे।
उसने सोचा कि जरूर यहाँ सजा कम मिलती होगी। तत्काल उसने पहरेदार से पूछा कि सजा क्या है?
पहरेदार ने कहा, "कुछ खास नहीं...सबसे पहले आपको एक इलेक्ट्रिक कुर्सी पर एक घंटा बिठाकर करंट दिया जायेगा, फ़िर एक कीलों के बिस्तर पर आपको एक घंटे तक लिटाया जायेगा, उसके बाद एक दैत्य आकर आपकी जख्मी पीठ पर पचास कोडे मारेगा।
चकराये हुए व्यक्ति ने उससे पूछा, "यही सब तो बाकी देशों के नर्क में भी हो रहा है, फ़िर यहाँ इतनी भीड क्यों है?"
पहरेदार: इलेक्ट्रिक कुर्सी तो वही है, लेकिन बिजली नहीं है, कीलों वाले बिस्तर में से कीलें कोई निकाल ले गया है, और कोडे़ मारने वाला दैत्य सरकारी कर्मचारी है, आता है, दस्तखत करता है और चाय-नाश्ता करने चला जाता है और कभी गलती से जल्दी वापस आ भी गया तो एक-दो कोडे़ मारता है और पचास लिख देता है।
एक छात्र ने गणित के अध्यापक से कहा - सर ! अंग्रेजी के अध्यापक तो अंग्रेजी में बातें करते है | आप भी गणित में बात क्यों नहीं करतें ? गणित अध्यापक - ज्यादा तीन पांच न कर फोरन नौ -दो ग्यारह हो जा , नहीं तो चार पांच रख दूगां तो छठी का दूध याद आ जाएगा |
एक खूबसूरत लडकी बस स्टैंड पर खडी थी | एक नौजवान बोला- चांद तो रात में निकलता हैं , आज दिन में कैसे निकल आया ?
लडकी बोली - अरे उल्लू तो रात को बोलता था , आज दिन में कैसे बोल रहा हैं |
एक लडका अपने अनपढ पिता से -" पिताजी- हिमालय कहाँ है?"
पिता- "बेटा अपनी माँ से पुछो , तुम्हारी माँ सारे सामान इधर के उधर रख देती है"
छात्र - " प्रोफेसर जी, क्या आप बातचित की स्वतन्त्रता को मौलिक अधिकार मानते है?"
प्रोफेसर-" हाँ, क्यु नही"
छात्र- "सर, जरा मुझे आपके मोबाइल से बात कर लेने दो "
सुहागरात के समय दूल्हे ने अपनी पत्नी को बाँहों में लेते हुए कहा, \'\'आज से तुम मेरी प्रेरणा, मेरी साधना और मेरी आशा हो।\'\'
यह सुनकर दुल्हन पल-भर चौंकी और फिर बोली, \'\'आज से तुम मेरे राहुल, राकेश और अमन हो।\'\'