A real boyfriend won't keep secrets from his girl. You're in a relationship to grow closer together, not to hide things and ruin trust.
One day I was walking down the street when a gorgeous man approached me and asked me for my number. So I said yeah and gave it to him. he called me that night and we talked for hours. he told me how beautiful I was and he wanted to get to know me. so he took me out two days later and we had a wonderful night. I never felt that way about anyone before.
I felt that feeling. that feeling you get when you have butterflies in your stomach and its like they almost hurt. so we went out on a couple more dates before we decided to make it official. about a year and a half later I got pregnant and before I even told him he proposed. I was going to tell him that night. it was so weird. from that night on I knew it was definitely meant to be.
After I had the baby and lost all that weight we got married. we had a huge wedding and went on a wonderful honey moon in Paris. somewhere I always wanted to go. one night, on our daughters first birthday, he went out on a cold stormy night to buy our baby girl a cake. he was gone for an hour before I started to worry.
I called his phone at least a hundred times in a row. he never came home that night. my daughters first b day was all messed up cause she wanted her daddy and I got no sleep. I started to assume he was cheating. I cried the whole night long. the police arrived at my house at exactly 6:36 in the morning and told me my husband got in a car crash and died. I had so much running through my head.
I was in denial but how was I going to tell my baby her daddy died? and how was I going to deal with it? I felt as if my life was over. I thought about committing suicide but I didn't want my daughter to grow up with no mother or father. now its three years later and nobody else has came into my life. I don't want anyone else. all I want is for him to walk through that door with my daughters cake and tell me he loves me once more. and for us to celebrate sabrinas bday all night long. and for us to open presents and take pictures like he had planned. but I know its impossible for my wish to come true. but I love you Mike and I always will. me and Sabrina miss you deeply.
Recently china airports were
closed due to heavy fog ........
Later
it was discovered that
Rajanikanth was smoking inIndia!
Gang of SARDARS broke a Bank.
Instead of cash they found Botles full of Chilled Red Wine,
Happily they drank & went away.
Next day Headline aai: Blood Bank lutya gya.
यह तो तुम्हे पता ही है की हम लड़कियों को शॉपिंग करना कितना पसंद है..खास-तौर से मुझे.. मुझेसेक्शय दिखना अच्छा लगता है ना…जब मुझे महसूस होठा है की मैं बहुत सुन्दर दिख रही हूँ तो मुझे अच्छा लगता है.सेक्सी सेक्सी अंडर-गारमेंट्स पहाँ कर खुद को सेक्सी दिखना मुझे सबसे ज़्यादा पसंद है.मॉडेलिंग करते हुए मैं कई बार लाइनाये के फोटोशूटस करती हूँ
तो तब सेक्सी ब्रा-पनटी मे मुझे देख कर मेरे कर्यू के लड़के मुझे घूरते ही रहते हैं. ऐसा लगता है की उनकी आँखें मेरे न्यूड बॉडी को जैसे खा जाएँगी..हहा.कभी कभी मुझे अजीब लगता है पर इससे मुझे यह भी महसूस होठा है की गाइस मुझे कितना चाहते हैं. गाइस की चाहत तो मुझे पसंद है.मेरी सबसे फेवोवरिट लाइनाये रेड कलर की सिर्फ़ लेस से बनी ब्रा और पनटी की सेट है, जो थोड़ी ट्रॅन्स्परेंट भी है. अगर तुम एक बार मुझे देख लो ना..तुम तो बस पागल ही हो जाओगे.. हहा.. क्या पता मैं किसी दिन आपनी फेवोवरिट रेड ब्रा-पनटी मे कुच्छ फोटो तुम्हे भी भेज दूं..
चलो छ्चोड़ो वो सब, अब आपने कन्फेशन पर आती हूँ..कुच्छ दिन पहले मैं शॉपिंग के लिए गई थी. मेरी सहेली शहीन ने मुझे बताया था की मलाड के इनोर्बित माल के मार्क्स और स्पेन्सर्स स्टोर मे काफ़ी अच्छी लाइनाये आई हुई है, तो मैं भी देखने गई. लंच के बाद का टाइम था तो वहाँ स्टोर मे ज़्यादा लोग नही थे.मैं इधर उधर देखती घूम रही थी तो वहीं स्टोर मे काम करने वाला एक लड़का मेरे पास मेरी हेल्प करने आया, पूच्छने लगा की मुझे क्या चाहिए.
वो लड़का मुझे बहुत क्यूट और इनोसेंट लगा.पता नही क्यूँ पर मेरे मान में एकदम से सविता भाभी’ के पहले एपिसोड ‘ ब्रा सेल्समन’ का ख्याल आ गया. हा..हा.. तुम्हे याद है वो ब्रा सेल्समन सविता भाभी के घर आया था और आख़िर मे उसे सिड्यूस कर दिया था.. ही..ही..तो मैने भी उस बेचारे को सता कर थोडा मज़ा लूटने की सोची. मैने उसे बताया की मैं आपने लिए कुच्छ सेक्सी अंडर-गारमेंट्स देख रही हूँ.. और हे भगवान..अगर तुम भी देखते.. उसे लड़के का फेस देखने लायक था..
वो एकदम से नर्वस हो गया और शरमाने लगा..कितना क्यूट लग रहा था वो..तो मैने कहा – चुप क्यूँ हो? मुझे कुच्छ दिखाओगे नही?उसने खुद को थोडा संभाला और मुझे लाइनाये सेक्षन में ले जा कर कहा- “मा’आम, हियर इस और फुल रंगे”मैं बोली – “ह्म, मुझे कुच्छ ऐसा लेना है जो आज रात आपने बाय्फ्रेंड से मिलने जाने पर पहाँ सकूँ..लेकिन मुझे पता नही की तुम लड़कों को क्या पसंद आता है, तुम ही मेरी थोड़ी हेल्प करो ना…”हा..हा.. ऑफ कोर्स मैं तो उसे ऐसे ही तंग कर रही थी, लेकिन इसमे मज़ा बहुत आया.मैने उसी से पूचछा की तुम ही बताओ मेरे उपर क्या सेक्सी लगेगा तो वो कुच्छ नही बता पाया और उसने यही कहा – मा’म आपके उऊपर तो सब कुच्छ अच्छा लगेगा..
मैने पिंक ब्रा-पनटी का एक सेट देखा जो असल मे काफ़ी छ्होटा था, मुझे यकीन था की यह मेरे बॉडी को ज़रा भी धक नही पाएगा..क्योंकि.. एम्म्म.. मेरी फिगर काफ़ी अच्छी है.. मेरे कहाँे का मतलब समझ गये ना तुम..मैने उस पिंक लाइनाये को आपने हाथ में लेकर उस पर हाथ फिराया, फिर उसे आपनी टॉप के उपर लगाकर दिखाते हुए उससे पूचछा – “तुम्हे क्या लगता है, यह मुझे फिट हो जाएगी?”और मैं कई अलग अलग सेक्सी पोज़ बना कर उसे दिखाने लगी.
मैं देख रही थी की अब वो कुछ ज़्यादा ही एंबुरस्स हो गया था और स्टोर में कुच्छ और कस्टमर भी आ गये थे तो मैने उसे कहा – “डॉन’त वरी, तुम जाकर दूसरे कस्टमर्स की हेल्प करो, मैं आपने लिए खुद कुच्छ देख लॅंडगी.”जैसे ही वो जाने लगा, उसने तिरच्चि नज़र से मेरी तरफ देखा तो मैने उसको एक विंक दिया. वो तो कपड़ों के एक स्टॅंड से टकराते टकराते ही बचा..हा..हा..तो तुम्हे क्या लगा?
मैने कुच्छ ज़्यादा श्ररत कर दी थी या मैं इससे आयेज कुच्छ और भी कर सकती थी?मेरी फ़ेसबुक पर मेरे फ्रेंड बन कर मुझे बताओ.. हा..हा.. क्या पता मैं नये अंडरवेर में तुम्हारे लिए आपनी नही फोटो वहाँ उपलोआड कर दूं..तो बेबी..अभी इतना ही.. मुझे अभी शूट के लिए जाना है.. कल मैं आपने ‘ःइषील कॉमिक’ का 4त एपिसोड उपलोआड कर रही हूँ.. तो कल उसे देखने मेरी साइट पर आना याद रखना.. बाइ, मुआः!
नमस्कार दोस्तो मैं आज एक कहानी पेश करने जा रहा हू.यह मेरी पहली कहानी है अनुभवहीन हूँ लेकिन आशा करटा हू समय क साथ अनुभव ओर लिखने की काबिलियत आएगी.सिंदूर एक ऐसा शबाद जिसे सुनते ही लाल रंग दिमाग़ मैं उभर जाता है.एक ब्याहता की तस्वीर उबुरती है ओर उसकी माँग मैं भरा सिंदूर.दो आत्माओ को जोड़ने वाला.इक पत्नी को उसकी ज़िम्मेवारी ओर प्यार का एहसास दिलाता सिंदूर.एक औरत पूरी साज धज क गहाँे डाल क श्रीनगर करके पूरी महक क्यू ना रही हो.
चार चाँद ओर रौनक आती है सिंदूर से.अरे ये मैं यहाँ आपको इसकी विशेषता बताता रहूँगा ओर उधर चाची ने बेज़ार से जो आपने कपड़े लाने भेजा है वो कहीं लाते हो गया ना तो घर मैं सबसे शामत आएगी.अरे हाँ भाई अब शादी मैं औरतें कपड़े नहीं सिलाएंगी तो क्या हम सिलाएँगे.शर्मा टेलर्स से कपड़े लेके घर वापिस आया ओर कपड़े चाची को देकर भाग क आपने भाई क पास फुँचा.लो एक और बार भूल गया अरे भाई आपको क्या पता कौन चाची ओर कौन भाई.कुसुम जी हाँ है ना प्यारा नाम.मेरी इकलौती चाची.उमरा करीब 28 साल ओर 1 बचे की मा लेकिन देख क लगता है की अभी कॉलेज मैं पढ़ती हैं.पतली ओर छरहरा बदन ओर मेरा भाई अनु मेरा सागा भाई आज उसकी शादी है.ओर मैं आख़िर मैं राहुल जी हाँ इस घर का लाड़ला.22 साल का हू कोई ग़लत आदत नही है.अब ये पापा कहाँ चले गये.
देख क आता हू लो जी ये यहाँ पी आपनी टीए लगवा रहे हैं चाची से.पापा मोहाँ शर्मा आगे 44 दिखने म ठीक तक.पापा जल्दी से 1500 र्स नहीकालो.पापा-इस महीने करीब करीब तू मुझसे 20000 र्स ले चुका है.मैं-अरे पापा तो उसमे मेरी बिके रेपेरिंग,पटाखे क भी मैं आपने पैसे क लाया हूँ ओर ओर उःम्म्म.पापा-हाँ हाँ लाद साहब बताइए ओर पैसे कहाँ गायब हो गयेबात बिगड़ती इससे पहले ही मेरी नज़र चाची क साथ टकराई ओर मैने मिन्नटो वाली नज़र से उन्हे देखा.
वो थोडा मुस्कुराइ ओर कहाचाची-पापा क टीए क नोट थोडा और उपर करते हुए अरे जाने दीजिए ना अब भाई की शादी मैं खर्चा नही करेगा तो कब करेगा.अब चाची ने पापा का कोट उठाया ओर उन्हे डलवाने लगी वैसे भी मेरे कपड़े क पैसे भी देके आया है आपका लाद साहब.मैं चाची क जूथ बोलने से थोडा ठीक हुआ.पापा-तुमने इसे सावित्री से भी ज़यादा छूत्त दे रखी है.ये कहता हुए पापा ने पर्स नहीकाला ओर उसमे से 1000 र्स क दो नोट नहीकले ओर मेरी तरफ बड़ाहाए.
पापा-चल ला 500 र्स वापिस देमैने वो पैसे पकड़े ओर कहा चेंज करवा क लता हूँ.पापा-लो लग गया 500 का चूना औरचाची; अरे अब छोढ़ो भी बाबा ओर अब लग रहे हो आप हीरो नो 1 ओर चाची हंस पड़ीये देख क मोहाँ जी मुस्कुराए ओर चाची क गले लग गये.मोहाँ-कुसुम को कस क गले लगते हुए श कुसुम तुम नही होठी तो आज इस घर म खुशियों का ये माहौल नही होठा.
कुसुम-थोडा पीछे हटके उन्हे देखते हुए नही मोहाँ अगर आप ना होठे तो ये खुशियाँ ना होठी बल्कि अगर सावित्री दीदी ने हमारा साथ ना दिया होठा तो ये खुशियाँ हमे नसीब ना होठी.मोहाँ-कुसुम की इक लत को कान क पीछे डालता है ओर उसके माथे को चूमता हैआपने से करीब 18 साल बड़े जेठ को नाम से पुकारा था उसने क्यूँ?मोहाँ-ओर ये तुम्हारी माँग मैं सिंदूर क्यू नही है.कुसुम ने पास ही ड्रेसिंग टेबल पी पड़ी सिंदूर की डिबिया उठाई ओर खोल क उनके सामने कर दी.मोहाँ ने चुटकी भर सिंदूर लिया ओर कुसुम की माँग भर दी.कुसुम ने उनकी छाती पी सिर टीकाया ओर दोबारा गले लग गये.
कुसुम-अनु ओर मल्लिका को हाँिमून भेजने क बाद नैनीताल वाले फार्म हाउस चलते हैं छुट्टियाँ बिताने.मोहाँ की आबखो मैं ये सुनके चमक आ गयी.ऐसा लग रहा था वो चुट्टीओं क बहाने कुछ ओर माँग कर रही थी.मोहाँ ने ये सुनके कुसुम का चेहरा उपर उठे ओर कहा हाँ ठीक है.ये सुनके कुसुम ने उनकी और देखा ओर उचक क उनके हूटो क साथ आपने हूठ सील दिए ओर और कस क गले लग गये. .ओर खा ई लव उ मोहाँ ई लव उमोहाँ-लव उ टू कुसुम ओर बेठहाशा एक दूसरो को चूमने लगे.मोहाँ थोड़ी देर बाद-कुसुम नीचे सब इंतेज़ार कर रहे हाँगे.
कुसुम ने हाँ म सिर हिलाया ओर अलग हो गयी.मोहाँ नीचे चले गये ओर कुसुम फिर से तैयार होने लगी.हैं ये क्या कैसी अजीब कहानी है.कौन सा राज़ है जिससे इस घर म खुशियाँ आई.ओर ये ऐसे क्यू बिहेव कर रहे हैं जैसे जेठ ओर भाभी ना होके पति पत्नी हो.मेरी तो कुछ समझ नही आ रहा.देखते हैं आयेज ये कहानी क्या मोड़ लेती है.तब तक साथ बने रहिएगा सजेशन्स न फीडबॅक र वालेकम.
मेरी गर्ल फ्रेंड का नाम दीप्ति है. वो मेरे साथ ऑफीस में है. ये बात है 2012 की, जब हमने एक साथ ऑफीस में जाय्न किया था. उसे मेरे बगलवली सीट मिली; हम लोग काम व करते और एक दूसरे की बात व शेयर करते थे. हूँ जल्द ही आचे दोस्त बन गये.फिर 2013 में उसकी शादी हो गई, उसने बताया की उसकी शादी लव मॅरेज है, जिससे वो 8 साल पहले से प्यार करती थी.
उसके घर वालों के खिलाफ जाकर उसने उस लड़के से शादी कर ली थी. दिन बीतते गये, और हमारी दोस्ती बढ़ती गयी,,, वो तो मुझे यहा तक कहती थी की,,, अगर तुम मुझे पहले मिले होठे तो शायद मैं तुमसे शादी कर लेती…. मैं उसकी खूब बड़ाई करता था….उसका हज़्बेंड रोज शाम को ऑफीस से लेने आता था.एक दिन कुछ काम होने की वजह से नही आ पाया. उसने मुझसे बोला की क्या तुम मुझे घर चोद दोगे. मैंने कहा ठीक है. हम दोनो ऑफीस से नहीकले ओर एक रिक्कशे किया. हम दोनो रिक्कशे पर बैठ गये. हल्की अंधेर हो चुकी थी. मैं पहली बार उसके एटने करीब बैठा था. शी वाज़ समेलिंग वंडरफुल. मैने आपना एक हाथ पीछे पिया ओर उसके पीठ पर रखा. मुझे आपने हाथ से उसके ब्रा का स्ट्रीप महसूस हो रहा था. मैने पूछा ये क्या है… वो मुझ पर गुस्सा हो गई ओर बोली.. ये तुम क्या कर रहे हो, पर हटने के लिए नही कहा. मैं उसकी पीठ को रब करता रहा, उसे व शायद अछा लग रहा था.फिर रास्ते में कुछ सन्नाटा था.
मैने आपने हाथ को उसके ओर पीछे ले गया ओर उसके बूब्स को टच किया. उसने कुछ नही बोला ओर उसने आपने दुपट्टे से मेरा हाथ धक दिया की कोई देख ना ले. मेरी हिम्मत ओर बढ़ गयी, मैने उसके एक बूब्स को पीछे से ओर दूसरे हाथ से दूसरे बूब्स को पकड़कर मिँजञे लगा… मैं पहली बार किसी का बूब्स टच कर रहा था. मेरी साँसे तेज हो रही थी.उसने बोला तुम्हारी हालत तो इतने मे ही खराब हो रही है.. आयेज क्या करोगे. मैं बस उसकी बूब्स में लगा थे. फिर वो घर पहुँच गई. मैने कहा मैं व घर चालू तो उसने कहा की, उसके हज़्बेंड कवि वी आ जाएँगे. कल मिलेंगे हम लोग.नेक्स्ट दे–>उसने बोला, की आज मुझे शॉपिंग करनी है,, मेरे साथ चलोगे.. मैं मान गया ओर हम दोनो मार्केट गये. उसने लॅडीस मार्केट से आपने लिए कॉसमेटिक्स खरीदा. फिर हम खाने के लिए एक रेस्टोरेंट मे गये, वो रेस्टोरेंट सिर्फ़ कपल्स के लिए था. हम व एक कॅबिन मे जाकर बैठ गये ओर चोवमीं के लिए ऑर्डर किया. मैने आपना हाथ उसके थिएस पर रखा.
उसने कहा तुम मेरे एक आचे दोस्त हो ओर दोस्त ही रहो, मैं शादी सुदा हूँ, मेरा हज़्बेंड है. मैने कुछ नही सोचा ओर फिर से उसका बूब्स पकड़कर सहलाने लगा,,,कुछ देर तो उसने माना किया, पर जब मैं नही माना तो उसने व मुझे रेस्पॉंड करना शुरु कर दिया. उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया, उसने कहा तुम्हारा तो काफ़ी लंबा है, मैने पूछा तुम्हारे हज़्बेंड का कैसा है. उसने कहा तुम्हारा तो मेरे हज़्बेंड से काफ़ी बड़ा है. फिर मैने उसके बूब्स का साइज़ – पूछा तो उसने नही बताया. उसने कहा तुम खुद ही हाथ से अंदाज़ा लगलो. फिर मैने गेस किया- > 30, उसने कहा नो. फिर मैने बोला -> 34, उसने बोला नो, थोडा कम. तो मैने कहा 32. तो उसने कुछ नही बोला, मैं जान गया की उसके बूब्स 32’’ हैं. मैने खूब मज़े लिए, बूब्स दबाकर. ओर फिर ऑफीस से फोन आया ओर हम चले गये.
उसने सनडे को आपने घर आने के लिए मुझे कहा, मैं उसके घर गया ओर ऑफीस की एक ओर लड़की व आई. हम लोगो ने खाना खाया लेकिन मुझे कोई व मौका हाथ नही लगा उसे टच करने का क्यूंकी, वाहा उसका हब्बी व था. फिर शाम हो गई ओर ऑफीस की दूसरी लड़की ने डीप से कहा की, शाम काफ़ी हो गई है, क्या तुम्हारे हुसबाद मुझे बिके से घर चोद देंगे? उसने आपने हुसबाद को कहा ओर वो उसे चोदने चला गया. उसका घर आपड़ीॉक्स 12 केयेम दूर थे.
इसलिए ट्रॅफिक लगाकर करीब 1 घंटे लग जाते. उसके हुसबाद के जाते ही मैने घर का डोर बंद कर लिया. उसने मुझे रोकने की कोशिश की ओर कहा,,, प्ल्ज़ ऐसा मत करो मेरे हज़्बेंड कवि व आ जाएँगें.मैने कहा वो तो 1 ह्र्स. बाद ही आ सकतें हैं. फिर मैने उसका हाथ पकड़कर उसके बेड रूम मे ले गया ओर उसे बेड बार लिटा दिया. उसने मुझे एक स्लॅप किया ओर खूब दांता. मैने व उसे ज़ोर से पारकरा ओर लीप किस करने लगा.
वो बहोट कोकजिन कर रही थी, बुत मैं व नही माना, ओर उसे बेड पर लिटाकर, उसका टॉप उपर किया. उसका ब्रा दिखने लगा, अब तो मैं कंट्रोल से बाहर हो गया ओर उसका टॉप खींच कर खोल दिया ओर उसके ब्रा का स्ट्रॅप नीचे कर के उसके बूब्स मुँह मे ले लिया. उसे थोड़ी देर बाद मज़ा आने लगा. उसने बोला ओर ज़ोर से चूसो, तुम्हारा लंड कहाँ हैं. मैने ऐसा सुन कर ओर जोश बढ़ गया ओर मैं पागल गो गया.
फिर मैने पूछा तुम्हारा हज़्बेंड तुम्हे सॅटिस्फाइ नही करता के .. उसने कहा ऐसी बात नही है, बुत तुम मुझे बहोट आचे लगते हो, बस डर लगता है की कही कोई देख ना ले. मैने कहा डीप, अगर तुम साथ दो तो हम 15 मिंटुए मे आपना कार कर लेंगे ओर किसी को पता नही चलेगा, फिर उसने मेरे पूरे कपड़े उतार दिए. वो मेरा लंड लेकर चूसने लगी, मुझे बहोट मज़ा आ रहा था. मैने कहा कामन डीप, फक मे हार्ड. फिर उसने आपना ट्राउज़र उतार दिया ओर मेरे उपर लेट गई. मैने उसे खींचा ओर उसके उपर आ गया ओर बोला, मेरा लंड पाकड़ो ओर आपने बुर पी सही पोज़िशन पर रखो, उसने वैसा ही किया. मैने ज़ोर लगाया ओर एक बार मे पूरा लंड अंडर चला गया.वो बहोट ज़ोर से चिल्ला रही थी ओर चोदने के लिए कह रही थी.
मैं रुका नही ओर आपनी स्पीड ओर बढ़ा दी. फिर वो 2 मीं बाद झाड़ गयी ओर एकदम शांत हो गई, मैं अब व चोदे जा रहा था, मैने पूछा क्या हुआ, इतनी जल्दी झाड़ गई, तो हासणे लगी. वो मेरे सीने को चूम रही थी, फिर मैं व झाड़ गया, ओर शांत हो के उसके बूब्स पर ही सो गया, आधे घंटे बाद उसने मुझे उठाया, ओर हमने आपने कपड़े पहाँे. ओर मैं वाहा से चला गया.
Hi frndz,
main Ravi raj umrao ke naam se jana jata hu apne area me. Main suru se hi ek hi ladki se pyar krta tha jiska naam palak tha uske siwa kisi or ke baare me sochta bi ni tha. Palak ki maut ho chuki h or main uski yaad me pal marta tha reason tha ki uski maut pe maine uska majak bnaya tha palak fever ke karan hospital me admit thi or maine usko ek baar bi ni pucha ki thk ho ya nahi aur ek din doctor ki galti se uski maut ho gayi.
Main school se aaya or dekha ki ek dead body padi thi ambulance me. Or mera friend sandy, jiski palak achi frnd thi roe rha tha. Maine pucha bhai kya ho gya tb kehta ki maut ho gyi h.
Maine kha phr pagal ro kyu rha h achi baat h duniya se ek bhar km ho gya tbi sandy ne ek thapar mara khich ke or bola pta bi h wo palak h tunai pehle bi uska mjak bna ke rakha tha or ab bi. Bs phr kya tha main pagalo ki tarah sadme me chala gya.
Uske baad andar hi andar jalta rha main. Ek time esa aaya itne saalo baad ki palak ki jagah mahi ne le li. Hua yu ki mahi mere frnd gurpreet ki g.f thi ye phn pe milai the mahi ne gurpreet ko dekha ni tha or gurpreet mahi se phn pe baat krta tha.
Ek din gurpreet ne mujhse kha ki yr yeh ladki mujhse kafi time se baat kr rhi h but i love u ni kehti maine bht koshish ki tu nikalwa de i love u iske muh se. Maine kha stupid main kaise nikalwau aawaj ni pehchan legi. Kehta raat ko msg pe baat kariyo tu.
Maine kha thk h tu sham ko apna numbr mujhe de diyo. Kehta ni yr tu apne numbr se kriyo mujhe raat ko net chalana hota h. Main kha yr mere numbr se kaise hoga uske pas tera numbr h. Kehta ki wo tu mujhpe chod de keh dunga ki isme msg ni h dusre numbr se baat krta hu.
Maine kha thk h teri mrji. Us din raat ko maine mahi se baat ki or sirf do din me mahi ne janu, i love u bolna start kr diya. Phr gurpreet ko wapas de di uski amanat. Par jb main mahi se baat krta tha mujhe esa ehsaas hota tha jaise palak ho. Usi ki tarah care krna, baatein usi ki tarah krna,baat baat pe apni mum se ladhna uska.
Mujhe bas ye ek itefak lga. Kher uske baad gurpreet uske sath baat karne lga. Ek din gurpeet ke ghr pe main betha tha. Gurpreet kehta ki yr main mahi se mil aaya. Maine kha kaise lgi toe kehta ki yr itni bi khas ni h. Maine kha bhai mere kismat walo ko pyar naseeb hota hai. Shakal pe mat ja. Tu knsa hero h. Kehta thk h.
Ek din main apne ghr ke pas ke grnd me betha tha. Wha mere frnds kisi ka numbr share kr rahe the maine pucha kisko tung krne ki soch rhe ho toe kehte gurpreet ne kisi ladhki ka numbr diya h kehta fasao or masti maro.
Maine jb naam pucha ladhki ka toe kehte mahi. Main shocked hua maine sbke phone se uskanumber delete krwaya phr gurpreet ke pas gaya jaate hi usko bola kamine tu numbr kyu dusro ko de raha h or kya bhok rha h uske baare me. Phr kehta ki yr maine toe uske sath time pas krna tha so kr liya.
Ab mujhe kya. Maine kha pehle to tu bada bol rha tha. Kehta bhai tujhe usai kya maine kha chal koi ni. Mere hotai hue esa ni hoga. Maine raat ko mahi ko msg krke sb bta diya. Pehle toe mahi ne wishwas ni kiya phr usko baatein yaad krai jo maine usai khi thi.
Tb maan gyi. Maine mafi mangi or usne thank u kha… Iske baad humari love story start hoti h or dard bhare lamhai phr dhokha phr juda honai ki kahani agle part me…
Devils went to Court to Prove
that he is The Most,
Cruel & wicked Guy on Earth.
But he Failed, He Came Out Angrily & Asked,
Yaar ye ALTAF BHAI kon hai?
Those who are too smart
to engage in politics
are punished by being governed
by those who are dumber.
A good leader is a person
who takes a little more than
his share of the blame
and
a little less than his share of the credit.
Good leaders are like baseball umpires;
they go practically unnoticed
when doing their jobs right.
Politics is the gentle art
of getting votes from the poor
and campaign funds from the rich,
by promising to protect each from the other.
The clear blue sky,
The scent of flowers,
The colours of Rangoli,
And the sound of crackers.
The gifts and sweets from dear ones,
And the getting of their love,
The light of the candles below,
And the dazzling fireworks up above.
Lighting lamps at our homes,
Making the less fortunate smile,
Putting on new apparels,
Show our friends some style.
Paying respects to the gods,
And decorating for them the thali,
This is what the occasion is all about,
This is the spirit of Deepavali.
The gifts from dear ones,
and the receiving of their adore,
The beam of the candles under,
And the implausible fireworks up over.
Wishing you a Prosperous Deepawali
Deepavali is here, Deepavali is here
that great gala of sound
When crackers and hilarity abound
When nuts and sparklers glow up the sky
When pleased children jump with elation.
It’s time to celebrate Diwali
Dunes of haze from crackers get higher,
Overpower as aromatic air resound
Effusing delight to all thrive
Pearls of dazzle in this autumn night
Revamp our life
With glints that assorted skies
As towering spirits of dust wander
Let us thank the blissful Mighty
In this cheerful season of lights.
Happy Diwali
The clear blue sky,
The scent of flowers,
The colours of Rangoli,
And the sound of crackers.
The gifts and sweets from dear ones,
And the getting of their love,
The light of the candles below,
And the dazzling fireworks up above.
Lighting lamps at our homes,
Making the less fortunate smile,
Putting on new apparels,
Show our friends some style.
Paying respects to the gods,
And decorating for them the thali,
This is what the occasion is all about,
This is the spirit of Deepavali.
The sweet smell of flowers
The array of colors
Diwali is here
Firecrackers are heard
Candles are lit
Children play
Presents are given
We pray to the gods
Diwali is here.
Dunes of vapors from crackers rise,
Engulf, as odorous airs resound
Effusing joys to all abound
Pearls of gleams in these autumn nights
Adorn our lives else trite
With sparklers that motley skies
As soaring spirits of powder wander
Let us thank the heavenly might,
In this festive season of lights.
Today’s the `Festival of Lights’ all o’er;
A joyful day for minds and hearts and souls;
And people throng the Temples to offer,
Prayers, resolving to take better roles.
And most of them are richly clad and clean,
and eat such dainty foods and sweets with mirth;
Whilst noisy crackers burst, their lights are seen,
It seems to be a happy day on Earth!
But are there not hearts woe-filled, very sad?
Denied of laughter, smiles for days;
Today’s the triumph of Good over bad;
But what about the wastage in much ways?
True joy is when you see someone else smile!
True charity gives joy in Heavenly style.
Joy, Joy, Joy,
We can play with our cousins
We can eat so many sweets
We can fire crackers
We can worship Goddess Lakshmi because
It is Diwali
Happy Diwali
Deepavali is here, Deepavali is here
That grand festival of Lights
That ends evil after a protracted fight
When good with all its might
Leads us from darkness to Light.
Deepavali is here, Deepavali is here
That great festival of sound
When crackers and laughter abound
When crackers and sparklers light up the sky
When delighted children jump with joy.
Deepavali is here, Deepavali is here
That gorgeous festival of snacks and sweets
Where everyone enjoys a royal feast
When old and young with delight meet
With love and affection all hearts beat.
Diwali is here, Diwali is here
That gracious festival which celebrates victory
The ancient festival of myth and mystery
That is mentioned in both mythology and history
The festival that signals Triumph over Tragedy.
Aayaa tyohaar Diwali ka
Bachcho ki khushhali ka
Bablu kahate papa se
Mujhako PC lana hai
guriya kahati mammi se
hame sitar bajana hai
papa bare achambhe me hai
ye mausam kangali ka
Aayaa tyohaar diwali ka
Bibi kahati pati dev se
Jab bonus tum paayoge
Sabse pahale haar sunahara
La mujhako pahnaao ge
Pati dev to mook bane hai
Rupaya denaa udhaari ka
Aayaa tyohaar diwali ka
Sab ki farmaish se tang huye hai
Bablu guriya ke papa ji
Patni to sir chadh kar bole
Kabhi na kahati aao ji
Ab bhaag na sakate papa ji
Jo theka liye rakhwali ka
Aayaa tyohaar diwali ka
हेल्लो मेरा नाम सिद्धार्थ है और में केटरीना का बहुत बड़ा फैन हूँ। मेरी ये कहानी मेरे और केटरीना की चुदाई के बारे में है। कुछ दिनो पहले में एक गली से गुज़र रहा था कि मुझे वहाँ पर चिराग मिला जैसी मैंने उस चिराग को साफ किया उस में से एक जिन निकला जिसने मुझसे मेरी विश पूछी मैंने उससे बिना रुके कह दिया कि मुझे अपनी ज़िंदगी के सारे दिन केटरीना की बाँहों में गुज़ार नी हैं।
तभी जिन ने एक चुटकी बजाई और मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया।जब आँख खुली तो मेरे सामने एक दरवाज़ा था। जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला तो मुझे सामने केटरीना नज़र आई उस समय में कैसा महसूस कर रहा था, यह बता नहीं सकता। वो एक सेक्सी पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी। जिसमें से उसके बूब्स साफ साफ दिख रहे थे। वो मेरे करीब आई और उसने मुझे कस कर किस किया। उसकी जिस्म की खुशबू सूंघ कर में दिवाना हुआ जा रहा था। तभी मैंने भी उसको कसकर दबा लिया।कुछ देर तक हम ऐसे ही खड़े रहे फिर अब में उसके घर पर गया। अब वो पीछे हुई और कहा आज से तुम मेरे घर में ही रहना और यह कह कर वो किचन की तरफ चली गयी में भी उसके पीछे चलता गया।
ऐसे मटक मटक कर चल रही थी, में क्या बताऊ मेरा तो वहीं खड़ा हो गया। वो किचन में जाकर खाना बनाने लगी और में उसकी मटकती गांड को देखता रहा। तभी थोड़ी देर बाद वो पीछे मुड़ी और पूछा कि तुम्हे क्या चाहिए। मैंने कहा कुछ नहीं, वो कहने लगी कि तो फिर यहाँ क्यों खड़े हो जाकर टीवी रूम में आराम से बैठ जाओ और टीवी देखो में खाना बनाकर अभी कुछ देर मे आती हूँ।
अब में जाकर टीवी रूम में बैठ गया और सोचने लगा कि उसकी चुदाई की शुरुआत किस तरह करूँ। तभी थोड़ी देर में वो आई और मुझे खाना दिया और कहा कि में सोने जा रही हूँ अगर कुछ चाहिए तो तुम मुझे बताओ। तभी मैंने कहा नहीं, तो उसने कहा अच्छा खाना खाकर तुम भी मेरे ही बिस्तर पर लेट जाना। उसके इन शब्दों से तो मेरे मुहं में पानी आ गया और अब में जल्दी जल्दी खाना खाकर बेडरूम में पहुंच गया।अब बेडरूम पहुंच कर मैंने देखा कि केटरीना सिर्फ़ एक सेक्सी ब्रा और स्किन टाईट ट्राउज़र पहने लेटी हुई है। उसने मुझसे कहा जाओ बाथरूम में चेंज कर यहाँ लेट जाओ में गया और एक ट्राउज़र पहन कर आ गया और आकर उसके बेड पर लेट गया। वो ऐसे करवट लेकर सो रही थी कि उसकी नंगी क़मर और ट्राउजर वाली गांड मेरी तरफ थी। थोड़ी देर तक तो में उसकी गांड और उस में फंसी उसकी ट्राउज़र को देखता रहा।
मुझे बहुत मज़ा भी आ रहा था और फट भी रही थी क्योंकि मैंने पहले कभी किसी को चोदा नहीं था।अब थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने हिम्मत की और अपना एक हाथ उसकी क़मर पर रख दिया। फिर आहिस्ता आहिस्ता अपना हाथ कभी उसकी गांड के करीब ले जाता रहा और ऐसी ही लेटे रहा मेरा लंड अब इस तरह सख़्त हो गया, अब मैंने थोड़ी देर बाद हल्की सी केटरीना को आवाज़ दी उसने कोई जवाब नहीं दिया, तो में थोड़ा सिरक़ कर उसके करीब आ गया। फिर थोड़ा और सरका यहाँ तक कि मेरा खडा लंड उसकी गांड में फंसी ट्राउज़र से टकराने लगे अब इतना करना था कि केटरीना ने थोड़ी हरकत की और थोड़ी मेरी तरफ अपनी गांड को धकेला उसकी इस हरकत से वो मेरे बहुत नज़दीक आ गई थी।यहाँ तक कि उसकी क़मर से मेरा सीना टकराने लगा और मेरा मुहं उसकी गर्दन से चिपक गया। में यह देखकर लेट गया थोड़ा देर बाद उसने अपनी गांड को फिर पीछे किया। में उसकी जिस्म की खुशबू और उसकी गांड की गर्मी से इतना मस्त हो गया था कि क्या बताऊ यारों।
अब मुझ में भी थोड़ी हिम्मत आ गई थी। मैंने भी आहिस्ता आहिस्ता हिलाना शुरू कर दिया और अपना लंड उसकी गांड में फँसे ट्राउज़र पर रगड़ने लगा थजब मैंने देखा कि वो कुछ नहीं कह रही तो मैंने अपना एक हाथ उठाया और उसकी क़मर पर फैरने लगा था और फिर आहिस्ता आहिस्ता करके में वो हाथ उस के बूब्स की तरफ ले गया और उनको ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा था। फिर कुछ देर बाद मैंने वो हाथ उसकी ब्रा के अंदर डाल दिया और उसके मस्त मस्त बूब्स को आहिस्ता आहिस्ता करके दबाने लगा। अब ऐसा करते हुए कुछ देर ही हुई थी की अब उसने एकदम मेरी तरफ़ करवट लेली और बिल्कुल मुझसे चिपक गई, उसकी चूत और मेरा लंड बिल्कुल चिपक गया।तभी मैंने अपना हाथ उसकी गांड पर रख दिया और उसकी गांड को ट्राउज़र के ऊपर से ही सहलाने लगा और अपने मुहं को थोड़ा नीचे करके उसके बूब्स के दरमियाँ फँसा लिया, अब उसके बदन की खूशबू सूंघ सूंघ कर मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि आपको क्या बताऊ, अब यह करते हुए मुझे थोड़ी ही देर हुई थी कि उसने मुझे अपनी तरफ कस लिया। में तो मज़े के मारे पागल हो गया था। अब कुछ देर ऐसे रहने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
अब वो भी आगे पीछे होने लगी।अब थोड़ी ही देर में मेरा वीर्य निकल गया और में उसी पोजिशन में सो गया और जब सुबह आँख खुली तो देखा केटरीना बिस्तर पर नहीं थी मेरे चेहरे पर रात की बातों को सोच सोच कर मुस्कुराहट सी आ गई, अब थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद में उठा और चेंज कर बेडरूम से बाहर निकला तो देखा केटरीना हॉल में वाईट टोपर और पिंक ट्राउज़र पहने एक्सरसाइज़ कर रही थी। उसके इस आउटफिट को देखकर तो मेरे मुहं में पानी आ गया क्योंकि उसका टोपर उसके बूब्स से इतना चिपका हुआ था की उसके निप्पल तक साफ साफ दिख रहे थे।अब दिल तो कर रहा था कि उन बूब्स का सारा दूध पी जाऊ। उसने जो पिंक ट्राउज़र पहना था।
वो इतना स्किन टाईट था की उसकी पूरी चूत की शेप नज़र आ रही थी और ऊपर से उसके चूतड़ में फंसी हुई थी। वो पिंक ट्राउज़र के मंज़र को में किस तरह लिखूं समझ नहीं आ रहा। जब वो एक्सरसाइज़ करते हुए अपने पैर हिलाती तो उसकी गांड इतनी खूबसूरत तरीके से मटकती कि कोई भी देखकर दीवाना हो ज़ाये।में यह सब मंज़र डोर से देख रहा था।
मन तो कर रहा था कि उसकी गांड में अपना मुहं फँसा लूँ और और ज़िंदगी भर उसकी चूतड़ों को चूसता रहूं। में यही सब सोच रहा था कि तभी मेरा लंड फिर से तन गया और ट्राउज़र में साफ दिखने लगा। वो एक्सरसाइज़ करते करते घूमी उसने मेरे लंड को देखा फिर मुझे देखा और एक शैतानी सी मुस्कुराहट पास की और कहा कि अभी तुम बैठो में थोड़ी देर में ही तुम्हारा नाश्ता लेकर आती हूँ और यह कह कर वो बाथरूम मे गई और चेंज करके किचन में चली गई।अब उसके बाथरूम से निकलने के दो मिनट बाद में बाथरूम मे गया। अब देखा उसके कपड़े वहीं टाँगे हुए हैं यह देखकर मुझसे रहा नहीं गया और तभी मैंने उसकी वही ट्राउज़र उठा ली जिसमें अभी अभी वो एक्सरसाइज़ कर रही थी और उसको सूंघने लगा।
उसकी गांड की खूशबू भी उसके ट्राउज़र से आ रही थी, जो कि उसकी चूतड़ों मे पूरी तरह समाया हुआ था। अब थोड़ी देर सूघने के बाद मैंने ट्राउज़र की उस जगह को जहाँ से उसकी गांड चिपकी हुई थी मुहं में लिया और इस तरह चूसने लगा जैसे सदियो का प्यासा हूँ। साथ ही साथ में मूठ भी मारता रहा, मूठ का ऐसा मज़ा मुझे आज तक कभी भी नहीं आया था। अब कुछ देर बाथरूम में रहने के बाद मुझे केटरीना की आवाज़ आई कि आ जाओ नाश्ता तैयार है और में बाहर आ गया था, अब हम दोनो ने साथ मे नाश्ता किया और उसके बाद में टीवी देखने के लिए बैठ गया और वो घर को साफ करने में लग गई थी।वो एक चूड़ीदार पजामा और एक लो कट कुरती पहनी हुई थी। सफाई करते करते जब वो टीवी वाले कमरे में आई तो मेरी नज़र टीवी से हट कर उसी पर जम गई, सफाई करते हुए उसके बूब्स इतने हिल रहे थे कि मेरा सारा ध्यान उन्ही पर लग गया। अब सफाई करते करते जब वो मेरे सोफे के पास मे आई तो मुझे उसके बदन की धीमी धीमी खूशबू सुंघाई दी जिससे मुझ में दोबारा से मस्ती छा गई थी।
जब वो मुझसे दूर जाने के लिए खड़ी हुई तो में जानबूझ कर उसके इतना करीब आ गया कि उसके चूतड़ मेरे चेहरे को छू जाएँ, अब एक सेकेंड के लिए उसकी गांड मुझसे टकराई उस पल तो ऐसा लगा कि जैसे मुझे आज जन्नत मिल गई हो और फिर वो मटकती मटकती मुझसे दूर चली गई। अब में उसके पूरे जिस्म का दीवान हो चुका था, अब उसके जिस्म की खूशबू मुझे पागल कर देती थी, ख़ासतोर से वो खूशबू जो उसके जिस्म से आती थी। उसके हिलते हुए बूब्स देखकर तो मन करता था कि उनका सारा दूध पी जाऊं। उसकी रसीली चूत और गोल मटोल गांड को देखकर तो मन करता कि अपनी ज़िंदगी इसकी चूत को चाटते चाटते ही निकाल दूँ।अब मुझमे एक ऐसा हैवान जाग चुका था जो उसके बदन के एक एक हिस्से को खाना चाहता था। अब मेरे दिमाग़ में सारा वक़्त उसकी गांड के ख्याल आते रहे। टीवी तो सिर्फ़ दिखावे के लिए चालू किया हुआ था।
अब कुछ देर बाद केटरीना भी साफ सफाई करके वहाँ पर आ गई और मेरे बराबर में आकर बैठ गई और हम दोनो टीवी देखने लगे थे। अब मेरी नज़र टीवी की बजाए उसके बूब्स पर टिकी हुई थी। थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा कि बैठे बैठे मेरी गर्दन में दर्द हो गया है।क्या में तुम्हारी गोद में सर रखकर टीवी देख सकता हूँ। उसने कहा कि ठीक है रख लो।
तभी मैंने अपना सर जानबूझ कर उसके पैरो पर ऐसी जगह रखा कि उसकी चूत ठीक मेरे सर के नीचे आ गई और में उसकी चूत की खूशबू सूंघने लगा था। अब ऐसा करने से मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया और ट्राउज़र के ऊपर से साफ नज़र आने लगा था। केटरीना ने जब मेरे लंड को देखे तो फौरन मुझसे पूछा कि राहुल मुझे एक बात बताओ तुम्हारा लंड हर थोड़ी देर में खड़ा क्यों हो जाता है। उसके इस सवाल से में एकदम चोंक गया और बैठ गया। में बिल्कुल सटपटा गया था। अब में क्या बोलूं उसको और तभी उसने कहा कि तुम शरमाओ मत में तुम्हारी दोस्त हूँ अब मुझसे क्या छुपाना। मैंने उसको दबी आवाज़ में जवाब दिया कि वो असल में मुझे तुम बहुत पसंद हो और जब भी में तुम्हे देखता हूँ मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
अब उसने कहा ओफ्फो अगर यह बात थी तो मुझे पहले बताना था ना और यह कह कर वो मुझ पर इस तरह बैठी कि उसके बूब्स मेरे मुहं से चिपक गये थे। उसकी गांड मेरे खड़े लंड के ऊपर इस तरह टिकी हुई थी की मेरा लंड उसके दोनों चूतड़ों को छूने में लग रहा था। अब उसने अपने चूतड़ो को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था। जिससे मुझमें एक अजीब सी मस्ती छा गयी थी।
अब थोड़ी देर तक वो ऐसे ही हिलती रही फिर उसने मुझसे पूछा कि मज़ा आ रहा है। मैंने कहा बहुत अब वो बार बार अपने बूब्स को मेरे मुहं पर दबा कर रही थी, जिससे मेरा मज़ा और दुगना हो जाता दस पन्द्रह मिनट ऐसा करते करते मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया था। अब उसको भी महसूस हो गया था कि अब में झड़ चुका हूँ इस लिए वो मेरे ऊपर से हट गई। अब थोड़ी देर ऐसे ही बैठे रहने के बाद उसने मुझसे कहा कि राहुल तुम्हारा जब भी दिल करे मुझसे चिपक जाया करो और जहाँ मर्ज़ी हाथ लगा लो में तुमसे कुछ नहीं कहूँगी। लेकिन मेरी एक शर्त है। अब मैंने बड़ी बेसब्री से पूछा कि क्या उसने कहा कि जब तक में ना कहूँ तुम मुझे चोदोगे नहीं और मेरी इजाज़त के बगैर तुम मुझे नंगा नहीं करोगे।
मैंने बिना रुके उसकी इस बात पर हामी भर ली और थोड़ी देर बाद वो वहाँ से उठी और मुझसे कहा कि में चेंज करने जा रही हूँ, अब मुझे बाहर किसी काम से जाना है।तुम्हे घर में जो करना है करो कोई प्रोब्लम नहीं, लेकिन इसको अपना ही घर समझना यह कहकर वो चली गई और में मूठ मार मार कर इतना थक चुका था कि वहीं सोफे पर लेट कर सो गया।
जब मेरी आँख खुली तो रात हो चुकी और केटरीना वापस आ चुकी थी और वो खाना पकाने में बिज़ी थी। अब मेरी झिझक खत्म हो चुकी थी, में उठा और किचन मे जाकर पानी पीने लगा था तभी मेरी नज़र फिर उस पर पड़ी अब मैंने देखा कि उसने एक बेकलेस साड़ी पहनी हुई है ब्लेक रंग की जिसमें उसके चूतड़ों का उभार साफ ज़ाहिर हो रहा था।मुझसे रहा नहीं गया और अब मैंने करीब जाकर अपने लंड को उसके चूतड़ों पर चिपका दिया और वो एकदम चोंक गई और बोली अरे राहुल तुम हो, तुमने तो मुझे डरा ही दिया था।
यह कर उसने अपनी गांड को पीछे धकेला और कहा अरे जान में कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ, तुम अपनी मस्तियाँ बाद में कर लेना अभी मुझे खाना बनाने दो मैंने कहा ठीक है और यह कह कर में बेडरूम में चला गया और उसकी केबिनेट खोल कर उसके कपड़े चेक करने लगा।और सोचने लगा कि आज में उसको कोई सेक्सी ड्रेस पहनने को बोलता हूँ और यही सोचते हुए उसकी एक अलमारी खोली उस अलमारी को देखकर मेरे मुहं में पानी आ गया क्योंकि उसमें केटरीना की पेंटी रखी हुई थी।
तभी मुझे उसमें एक ब्लेक पेंटी और ब्रा नज़र आई, तभी मैंने उनको देखकर यह फ़ैसला कर लिया कि आज में इन्ही को पहनने की फरमाइश करूँगा। जैसे कि उसने अभी एक पिंक पहनी हुई है, में यही निकाल रहा था कि केटरीना की आवाज़ आ गई ओर बोली आ जाओ जान खाना खालो और में नीचे आ गया।अब में डाइनिंग हॉल में चेयर पर बैठा हुआ था।
केटरीना मेरे करीब आई और मुझे खाना परोसने लगी। अब मेरे दिमाग़ में एक शैतानी खयाल आया मैंने अपना हाथ केटरीना की चूतड़ों पर रख दिया और सहलाने लगा और उससे कहा कि केटरीना क्या तुम मेरी गोद में बैठ कर खाना खा सकती हो, तभी उसने मुझे देखा और मुस्करा दी और कहा एक और चेयर भी तो है में उस पर बैठ जाती हूँ ना लेकिन मैंने कहा जान में अपनी पेट की भूख के साथ-साथ तेरी चूतड़ों की प्यास भी बुझाना चाहता हूँजिसके लिए मेरा लंड कब से तडप रहा है उसने ठीक है कहा और मेरे ऊपर बैठ गई मैंने उस को शरारती अंदाज़ में कहा जान क्या तुम मुझे अपने हाथों से खिला दोगी, मेरे हाथ ज़रा बिज़ी रहेंगे।
उसने मुझे देखा और मुस्कुराई और कहा ठीक है बाबा और कुछ, मैंने कहा फिलहाल तो नहीं और यह कर अपने दोनो हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और उनको सहलाने लगा और थोड़ी थोड़ी देर में अपने लंड से उसकी गांड पर झटके देने लगा, अब वो भी कभी कभी अपनी गांड को आगे करती तो कभी पीछे, खाना खाने का ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं आया था।
उसके जिस्म से इतना चिपका होने की वजह से मुझे उसके बदन की मीठी मीठी खूशबू आ रही थी जो मुझे दिवाना बना रही थी और साथ ही साथ मेरे खाने को एक दिलचस्प मज़ा दे रही थी। ज़ाहिर है उसको भी मज़ा आ रहा था क्योंकि हर थोड़ी थोड़ी देर में मुझे उसकी सिसकियाँ लेने की आवाज़ सुनाई द&