जमाने से नही तो तनहाई से डरता हुँ,
प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हुँ,
मिलने की उमंग बहुत होती है,
लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हुँ.
खिडकी से देखा तो रस्ते पे कोई नही था,
खिडकी से देखा तो रस्ते पे कोई नही था,
वाह वाह
फिर रस्ते पे जाके देखा तो खिडकी मै कोई नही था.
मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है,
ये कागज, कलम ये गजल आख़िरी है
मैं फिर ना मिलूंगी कहीं ढूंढ लेना
तेरे दर्द का ये असर आख़िरी है.
क्या नाम दूँ मैं अपनी मोहब्बत को.
कि ये तेरा सिवा किसी और से होती ही नहीं.
आज धुन्ध बहुत है मेरे शहर में,
अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं।
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!
न पूछो हालत मेरी रूसवाई के बाद,
मंजिल खो गयी है मेरी, जुदाई के बाद,
नजर को घेरती है हरपल घटा यादों की,
गुमनाम हो गया हूँ गम-ए-तन्हाई के बाद!!
कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नही होते
रास्ते गवाह हैं कम्बख्त गवाही नही देते।
किसी की यादो को रोक पाना मुश्किल है
रोते हुए दिल को मनाना मुश्किल है
ये दिल अपनो को कितना याद करता है
ये कुछ लफ्जो में बयाँ कर पाना मुश्किल है
ज़िन्दगी के लिए जान जरुरी है,
पाने के लिए अरमान ज़रूरी है,
हमारे पास चाहे हो कितना ही गम,
पर आपके चेहरे पर मुस्कान ज़रूरी है.
Woh is tarah mere gunaho ko dho deti hai.
Bohot ghusse main ho to ro deti hai.
Labon pe uske kabhi bad-dua nahi hoti hai.
Bas ek Maa hai jo mujhse kabhi khafa nahi hoti hai.
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है|
Raat Chup Hai Magar Chand Khamosh Nahi,
Kaise Kahoon Aaj Phir Hosh Nahi,
Is Tarah Dooba Hoon Teri Mohabbat Ki Gahrai Mein,
Hath Mein Jaam Hai Aur Peena Ka Hosh Nahi.
एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी,
जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं,
और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं
एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी,
जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं,
और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं
मंजिले बहुत है और अफ़साने भी बहुत है,
जिंदगी की राह में इम्तिहान भी बहुत है,
मत करो दुःख उसका जो कभी मिला नही
दुनिया में खुश रहने के बहाने भी बहुत है।
हंसो तो मुस्कराती है जिन्दगी,
रोने पे आंसू बहाती है जिन्दगी,
प्यार दो तो संवर जाती है जिन्दगी,
हाथ बढ़ाओ तो पास आती है जिन्दगी,
जिस नजर से देखो वैसी नजर आती है जिन्दगी,
नजरिया बदलते ही बदल जाती है जिन्दगी.
मुहब्बत में सच्चा यार न मिला,
दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला।
लूटा दिया उसके लिए सब कुछ मैने,
मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला।
तुझसे मैँ इजहार ऐ मोहब्बत इसलिए भी नही करता,
सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती|
Yeh bhi ek dua hai khuda se,
Kisi ka dil na dukhe hamari wajah se,
Aye khuda kar de kuchh aisi inaayat hum pe,
Ki khushiyaan hi milein sabko hamaari wajah se.
Rab se pyara koi naam nahi hota,
Uski ibadat se bada koi kaam nahi hota,
Duniya ki mohabbat me hai ruswaiya,
Par uski mohabbat me koi badnam nahi hota.
जीत किसके लिए हार किसके लिए,
ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए,
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन,
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए.
दूरियों की ना परवाह कीजिये,
दिल जब भी पुकारे बुला लीजिये,
कहीं दूर नहीं हैं हम आपसे,
बस अपनी पलकों को आँखों से मिला लीजिये|
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ.
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ.
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह.
तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ.
ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है, ना नीचे जमीन है,
ये कैसा मोड है जिन्दगी का जो लोग खास है उन्की की कमी हैं.
मैं कुछ लम्हे और उसके साथ चाहती हूँ,
आँखों में थम जाऐ वो बरसात चाहती हूँ,
सुना हैं मुझे बहुत चाहता है वो मगर,
मैं उसके लबो से एक बार इज़हार चाहती.
जितना जलाया है तुमने प्यार में मुझको,
दिल तो करता है की मै भी जलाऊ तुझको,
अजनबी होता तो ऐसा भी कर लेता शायद ,
मगर तू तो अपना है कैसे सताऊ तुझको.
न हिन्दु दिखता था न मुसलमान दिखता था।
उसे तो बस इन्सानो मे इन्सान दिखता था।
हो ग्ई आज खामोश वो आवाज सदा के लिए ।
जिसकी बातो मे केवल हिन्दुस्तान दिखता था।
Aankhon mein khushi, labon par hansi, Gham ka koi naam na ho,
Aapko jahan ki saari khushiyan mile, in khushiyon ki kabhi sham na ho!!
Zindagi ki uljhanon ne hamaari sharaaratein kam di,
Aur log samajhne lage ki hum samajhdaar ho gaye.
Maut ke aagosh mein sone ko jee karta hain,
Dil to kho diya ab zindagi khone ko jee krta hai
Uski yaad aati hain jab bhi mujhe na jane kyon
Kahin pe tanha baith ke roney ko jee karta hain
Hamari dosti ki umar hum se bhi zyada hogi,
Tumhari har aawaz hamare liye wada hogi
Tum bhi sun lo kaan khol key,
Jisne dosti pehle tori uski pitai b sbse zyada hogi
आज किसी की दुआ की कमी है! तभी तो हमारी आँखों में नमी है! कोई तो है जो भूल गया हमें! पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है!
तुम भी चाहत के समन्दर में उतर जाओगे,
खुशनुमा से किसी मंजर पे ठहर जाओगे ।
मैने यादों में तुम्हें इस तरह पिरोया है,
मै जो टूटी तो सनम तुम भी बिखर जाओगे ॥
Teri Khushiyo Ko Sajana Chahta Hu,
Tujhe Dekh K Muskurana Chahta Hu,
Meri Zindagi Mein Kya Ahmiyat Hai Teri,
Ye Lafzo Mein Nahi Pass Aa Kar Batana Chahta Hu.
Aap Ko Paa Kar Ab Khona Nahi Chahte,
Itna Khush Ho Kar Ab Rona Nahi Chahte,
Yeah Aalam Hai Humara Aap Ki Judai Main,
Aankhoon Main Hai Neend Per Sona Nahi Chahte.
Shayari likhna kaun jaane,
Shayari to khud-ba-khud ban jaati hai,
Jab dil bhar aata hai to,
Kalam khud-ba-khud chal jaati hai.
Kitne Majboor Hain Hum..
Pyar Ke Hathon,
Na Tujhe Pane Ki Oukaat,
Na Tujhe Khone Ka Hosla…
Roka unhe bahut baar
Ab nahi rokenge hum
Thokar kha chuke har baar
Ab thak se gaye hai hum.
Kyu Sharminda Karti Ho,
Haal Hamara Puch Kar..
Haal Hamara Wahi Hai,
Jo Tumne Bana Ke Rakha Hai..
Lekar Hum Dusro Ki Hansi Kya Karein,
Jo Apni Nahi Wo Khushi Kya Karein,
Tanha Jeene Se Behtar Hai Mar Jayein Hum,
Jab Saath Tum Nahi To Zindagi Jee Kar Kya Karein
एक औरत कोमा में चली गई.
पति मुर्दा समझ कर जलाने चला.
रास्ते में अर्थी खंभे से टकराने से औरत को होश आ गया.
इश्क के समंदर में गोता लगाया… वाह वाह…
पर पानी बहुत ठंडा था इसलिए बाहर निकल आया.
Hum dua karte hain Khuda se
ki wo aap jaisa dost aur na banaye
Ek Cartoon jaisi cheez hai humare paas
kahin wo bhi common na ho jaye.
आंखों में नमी थी और विटामिन की कमी थी,
जिससे रात भर चैट की वह गर्लफ्रेंड की मम्मी थी.
लोग रूप देखते है ,हम दिल देखते है ,
लोग सपने देखते है हम हक़ीकत देखते है,
लोग दुनिया मे दोस्त देखते है,
हम दोस्तो मे दुनिया देखते है.
टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता
के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता
वक़्त नूर को बहनूर कर देता है
थोड़े से जखम को नासूर कर देता है
वरना कोन चाहता है तुम जेसे दोस्तो से दूर रहना
वक़्त ही तो इंसान को मजबूर कर देता